donateplease
newsletter
newsletter
rishta online logo
rosemine
Bazme Adab
Google   Site  
Bookmark and Share 
design_poetry
Share on Facebook
 
Siraj Dehlvi
 
Share this Design Poetry to Aalmi Urdu Ghar
SIRAJ DEHLVI : Jo Adhuri Thee Mokammal Woh Kahani Ho Gayi
        
Siraj_Dehlvi_748721425216203.jpg
ग़ज़ल.. 
जो अधूरी थी मुकम्मल वो कहानी हो गई., 
मौसमों का रंग बदला रूत सुहानी हो गई,, 
काम हिम्मत से लिया जिस ने भी राहे शौक़ में., 
उस को ही हासिल जहाँ में कामरनी हो गई,, 
आस का दीपक किसी भी दिल के गोशे में नहीं., 
किस क़दर मजबूर अब ये ज़िन्दगानी हो गई,, 
उस से मिलने की खुशी मैं क्या बताऊँ दोस्तो., 
जब देख उस को हासिल शादमानी हो गई,, 
उस की चाहत मेरे इस दिल से निकल सकती नहीं., 
याद हर एक बात उस की मुंह ज़बानी हो गई,, 
नाज़ वो अपने मुक़द्दर पर ना अब कैसे करे., 
जिस को हासिल उस की चाहत की निशानी हो गई,, 
आज कल मुंह फेर कर चलते हैं वो मुझ से., 
सिराज ऐसा लगता है मुझ से सर गिरानी हो गई...! 
 
Comments


Login

  • Jawaid Mahmood
    01-03-2015 13:46:47
    WAAH BAHUT KHOOB KAHA HAI AAPNE SIRAJ DEHLVI SAHEB
You are Visitor Number : 377