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Dipti Mishra
Index Page of Shayari
Biography of Dipti Mishra
--: Shayari by Dipti Mishra :--
Total Shayari of Dipti Mishra : 41
बहुत विचित्र थी वो -
रिश्ता
प्यास
लम्स
अपूर्ण
भगवान
कहाँ दर्द है कुछ ख़बर ही नहीं है
घर
दिल से अपनाया न उसने ,गैर भी समझा नह
मैंने अपना हक माँगा था ,वो नाहक ही
मैं घुटने टेक दूँ इतना कभी मजबूर
सलीब
बेहद बेचैनी है लेकिन मक़सद ज़ाह
विश्राम
दुखती रग पर उंगली रख कर पूछ रहे हो क
अक्षर
सुनहरी मछली
कहाँ से चले थे , कहाँ आए हैं हम
चार चौक सोलह
भगवान और इन्सान
शांत,शीत श्वेत,
चाहे - अनचाहे
ऐसा नहीं कि उससे मुहब्बत नहीं रì
आज का दिन ...
DUSTBIN
रिश्तों के बाज़ार में ,चाहत का व्य
वो किसी और की पत्नी थी !
समझदार लोग --
किताबें पढ़ना मेरी पुरानी आदत है
वो नहीं मेरा मगर उस्से मुहब्बत ह
तुम्हारी 'सोच' पर
वो एक दर्द जो मेरा भी है , तुम्हारा ê
जिससे तुमने ख़ुद को देखा ,हम वो एक न
सोचती हूँ कि मैं सोचना छोड़ दूँ
तम्हें किसने कहा था , तुम मुझे चाह
दाढ़ी और टोपी ,टीका और चोटी
कब से अपनी खोज में हूँ मुब्तला मैं
बच्चों को लाड़-प्यार से पाल-पोस कर
wo nahii.n mera magar usse mohabbat hai to hai
تمہیں کس نے کہا تھا تم مجھے چاہو بت
دل سے اپنایا نہ اُس نے غیر بھی سمجھ
Total Visit of All Shayari of Dipti Mishra : 34504