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Shri Nitish Kumar
Hon'ble Chief Minister of Bihar
 
E-Mail: cmbihar-bih@nic.in
Tel: 0612-2223886 (O)
0612-2224784 (O)
0612-2222079 (R)
 
Posted on: 26-08-2012  
 
पाकिस्तान के संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने नीतीश कुमार से भेंट की।
 

 पाकिस्तानी सीनेटर मोहम्मद जहांगीर बदर के नेतृत्व में आये पाकिस्तान के संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भेंट की। दोनों नेताओं की वार्ता के बाद मो. बदर ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस सोसायटी का कांसेप्ट दिया है, वह सीखने लायक है। बिहार के सक्सेस स्टोरी से पाकिस्तान को भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री को पाकिस्तान यात्रा का आमंत्रण भी दिया। मुख्यमंत्री ने आमंत्रण स्वीकार करते हुए कहा कि नवंबर के आखिरी सप्ताह या फिर दिसंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में वह पाकिस्तान जाएंगे। पाकिस्तान से आये प्रतिनिधिमंडल को विकास आयुक्त एके सिन्हा ने एक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन बिहार की सक्सेस से सीखे पाकिस्तान के माध्यम से बिहार के विकास की कहानी से अवगत कराया। मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को स्पीडी ट्रायल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यहां पिछले पांच-छह वर्षो में 74 हजार अपराधियों को सजा दिलाई गई है। बिहार में सामाजिक सौहार्द्र एवं सांप्रदायिक सद्भाव कायम है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़े स्तर पर काम हो रहा है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में चल रहे काम के बारे में भी पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री ने बात की। कृषि रोड मैप की भी चर्चा की। राइट टू सर्विस एक्ट के बारे में विस्तार से बताया। यह जानकारी भी दी कि किस तरह से 45 डिग्री तापमान में भी वह लोगों के बीच अपनी सेवा यात्रा के दौरान रहे। प्रतिनिधिमंडल के नेता जहांगीर बदर ने कहा कि बिहार में विकास और सुशासन के लिए जो कदम उठाये गए, वह सराहनीय हैं। नि:शुल्क तालीम व चिकित्सा की जो व्यवस्था लोगों को उपलब्ध कराई गई वह काबिल-ए-तारीफ है। पाकिस्तान के सूबों के लिए यह सीखने लायक बात है। बदर ने कहा कि बिहार का बदलाव शोध का विषय है। यह कोई यूटोपियन स्टोरी नहीं बल्कि सच्ची कहानी है। हम बिहार में हो रही गतिविधियों से काफी कुछ सीखना चाहते हैं। पाकिस्तान में पंजाब सूबे की स्थिति बिहार जैसी है। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य सीनेटर हाजी मोहम्मद अदील, डा. सईदा इकबाल मेंबर आफ नेशनल एसेंबली - नदीम अफजल गोंडाल, जहीद हामिद, सैयद तैयाब हुसैन, अनुसा रहमान खान, खुर्रम दस्तगीर खान, मीर अमीर अली खान मगशी, मियां अब्दुस सत्तार सेक्रेटरी सीनेट आफ पाकिस्तान, इफ्तिखार उल्लाह बबर डिप्टी सेक्रेटरी टू स्पीकर नेशनल एसेंबली, मलिक कामरान आजम खान रजार लोकसेवा के दायरे में आयें बैंकिंग सेवाएं : मुख्यमंत्री विषय जिन पर नाहक की खींचतान होती है स्वतंत्र नीति बनायी जानी चाहिये। श्री कुमार ने पोशाक योजना, साइकिल योजना का हवाला देते हुये कहा कि राज्य सरकार इन्हें बैंकों के माध्यम से लागू करना चाहती है। लेकिन लाभार्थियों का बैंक खाता खोलने में आने वाली दिक्कतों के चलते ऐसा करना संभव नहीं हो पाता। ऐसे में कैंप लगाकर पैसे बांटा जाता है। बैंकों के इस रवैये से योजनाओं को लागू करने में तमाम तरह की जटिलताएं भी पैदा होती हैं। श्री कुमार ने कहा कि बात बैंकिंग क्षेत्र का दायरा बढ़ाने (इन्क्लूजन) की हो या बैंकिंग सेवाओं की, निचले स्तर पर मौजूद भ्रष्टाचार को समाप्त करना होगा। उन्होंने माइक्रो मैनेजमेंट को दुरुस्त करने का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी सेवाओं में सुधार किया है। सेवा का अधिकार लागू किया गया। साल भर बाद सेवा की अधिकतम समय सीमा को घटा दिया गया। दो करोड़ चौदह लाख लोगों ने अभी तक इसका लाभ उठाया है। इसके पूर्व संगोष्ठी में राजस्व पर्षद सदस्य अमिताभ वर्मा ने कहा कि आजादी के पैंसठ साल बाद भी देश में पैंसठ प्रतिशत लोगों को बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं। इस स्थिति में बैंकिंग इन्क्लूजन और भी जरूरी है। मुख्यमंत्री के सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा कि ग्रामीण स्तर पर आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं। लेकिन बैंकिंग के क्षेत्र में अभी बहुत कुछ किया जाना है। मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार ने कहा कि बैंक समाज के निचले तबके तक नहीं जाना चाहते क्योंकि यह रास्ता काफी खर्चीला है। राज्य में सूचनाएं हासिल करना खर्चीला था। सरकार ने इस क्षेत्र में एकाधिकार तोड़ा है। बेलट्रान के एमडी अतुल सिन्हा ने बताया कि सरकार ने लोगों तक सेवाएं पहुंचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। ई शक्ति कार्ड में दर्ज लोगों की तमाम व्यक्तिगत सूचनाओं का उपयोग सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में किया जा रहा है। बीएसई के सीईओ आशीष कुमार चौहान ने छोटे निवेशकों की चर्चा करते हुये कहा कि राज्य में अभी इनकी संख्या नगण्य है। लेकिन स्थितियां बदल रही हैं। बड़ी संख्या 25 से कम उम्र के नवयुवकों की है। ये नयी स्थितियों को तेजी के साथ आत्मसात कर रहे हैं। संगोष्ठी में सहज के सीईओ संजय पाणिग्रही, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के चेयरमैन एमवी तनसालिया, सतीश कौशल ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इंदिरा आवास के लिए अब मिलेंगे 75 हजार बिहार में नवंबर तक नई बीपीएल सूची तैयार कर ली जाएगी। जिसके आधार पर आवास का आवंटन होगा। केंद्र सरकार सारी प्रक्रिया की कड़ी निगरानी करेगी। दौरे के क्रम में मंत्री का फोकस विकास कार्यो व नक्सलवाद को पनपने न देने के प्रयास पर रहा। इसके लिए उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार तथा पंचायती राज के बेहतर समन्वय की पैरोकारी की। किसी भी तरह के राजनैतिक आक्षेप से उन्होंने परहेज किया। हालांकि मुख्यमंत्री के हवाले से मुखियों को घोटालेबाज बताने से नहीं चूके। कहा, नीतीश कुमार ने उनसे खुद कहा था कि मनरेगा के पैसे से मुखिया बोलेरो, पजेरो खरीद रहे हैं। लेकिन अब ऐसे मुखियों को जनता चुनाव में नकार रही है। उन्होंने जांच व कार्यक्रमों में भाग ले रहे मुखिया व सरपंच पतियों पर चुटकी ली और अधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्रामीण विकास योजनाओं में इनकी किसी भी भूमिका पर रोक लगनी चाहिए। जयराम ने दुर्गावती जलाशय परियोजना का क्रेडिट केंद्र सरकार को दिया। कहा, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के कहने पर उन्होंने दो वर्ष पूर्व वन एवं पर्यावरण मंत्री के रूप में इस परियोजना को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीआरपीएफ व जिला पुलिस के सहयोग से रोहतास जिले में नक्सलवाद पर नियंत्रण पा लिया गया है। सारंडा व सरयुग की तर्ज पर रोहतास में भी एक विशेष समेकित विकास योजना लागू की जाएगी। वे इस मसले पर रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करेंगे। प्रोन्नति में आरक्षण का प्रस्ताव गलत भी बेहद अहम है कि सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मायावती सरकार के प्रोन्नति में आरक्षण से जुड़े एक फैसले को 28 अप्रैल को खारिज कर दिया था। दरअसल, मायावती ने राज्य में उच्च पदों पर पदोन्नति में एससी/एसटी वर्ग को आरक्षण का फैसला लिया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला रद किए जाने के बाद मायावती ने इस मामले को संसद में उठाया, जिसका लगभग सभी दलों ने समर्थन किया। इसके बाद 9 अगस्त को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी को राज्यसभा में यह आश्वासन देना पड़ा था कि सरकार इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाएगी और विभिन्न पार्टियों की राय जानने के बाद प्रधानमंत्री इस बारे में संविधान संशोधन विधेयक लाने पर फैसला लेंगे। नारायणसामी ने यह भी बताया था कि सरकार इस पर काम कर रही है और इस बारे में 22 अगस्त को संशोधन विधेयक भी पेश किया जाएगा, लेकिन फैसले को स्थगित कर दिया गया। मायावती ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से मानसून सत्र में ही विधेयक लाने के लिए कहा था। सर्वदलीय बैठक के दौरान सपा को छोड़कर सभी पार्टियों ने प्रस्ताव का समर्थन किया था। लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने कहा कि इस मसले पर किसी भी पार्टी ने विरोध नहीं किया। भाजपा ने यह कहते हुए चर्चा के लिए और समय मांगा है कि वह विधेयक देखने के बाद ही कोई फैसला करेगी। अन्य पिछड़ा वर्ग के वोट बैंक वाली सपा प्रस्ताव के खिलाफ है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग को भी इसमें शामिल करने के लिए नया मसौदा तैयार करने पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार दो करोड़ लोगों को देगी नौकरी आवेदन ऑनलाइन आमंत्रित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि हम भर्ती की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के लिए धीरे-धीरे कदम उठा रहे हैं। कार्मिक राज्य मंत्री के मुताबिक इन पदों पर नियुक्ति के लिए होने वाली परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों के प्रारूप के बारे में हम वेबसाइट पर भी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं। मंत्री का कहना था कि कार्मिक मंत्रालय एसएससी के तहत होने वाली परीक्षाओं को त्रिभाषीय मॉडल पर आयोजित करने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि इन रिक्तियों को भरने के लिए होने वाली परीक्षाओं में हिंदी और अंग्रेजी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रश्न पत्र दिए जाएंगे। सरकार यह कदम इसलिए उठा रही है ताकि देश के सभी राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिभा को भी लाभ मिल सके। नारायणसामी ने कहा कि हम क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित कर रहे हैं। क्षेत्रीय भाषा में प्रश्न पत्र होंगे तो ग्रामीण प्रतिभा को इससे लाभ मिलेगा। उनका कहना था कि संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में प्रश्न पत्र अगर क्षेत्रीय भाषा में हो सकते हैं तो एसएससी के तहत होने वाली परीक्षाओं में ऐसा क्यों नहीं हो सकता है।

जागरण ब्यूरो, पटना

 
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