कोई उमीद ही ऐसी किया नहीं करते
बबूल में तो गुलाबां खिला नहीं करते
मुहब्बतों के कई रंग - रूप होते हैं
फ़रेबे-यार से कोई गिला नहीं करते
सफ़र में लोग तो मिलते,बिछड़ते रहते हैं
ज़रा सी बात पर आँखें मला नहीं करते
हकीमे-वक्त ही इनका इलाज करता है
दिलों के ज़ख्म दवा से भरा नहीं करते
ये कारोबारे-मुहब्बत तुम्हें मुबारक हो
अगरचे काम ये अह्ले वफ़ा नहीं करते
किसी की बात उन्हें कब सुनाई देती है
जो अपने दिल की सदा भी सुना नहीं करते
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