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Anwar Suhail
 
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* उसने कहा तुम सुंदर हो *
उसने कहा

तुम कोमल हो

तुमने खुद को लपेट लिया

उसने कहा
तुम नाज़ुक हो

तुमने खुद को समेट लिया

उसने कहा
तुम सुंदर हो

तुमने खुद को आईने मेँ क़ैद कर लिया

उसने कहा
तुम महबूबा हो

तुमने खुद को समर्पित किया

बाद मेँ पाया तुमने

कि तुम्हेँ छला गया है

काश !

तुमने यदि एक बार

खुद को देखा होता

अपनी निगाह मेँ
****
 
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