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Anwar Suhail
 
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* महुए की दारू *
महुए की दारू
पिए मनोहरा
करता ड्यूटी नागा

पी-पी करके
छलनी हुआ कलेजा उसका
जान नहीं अब उसमें इतनी
कर पाए काम खदान का
कोयले की खदान
जहां आना-जाना भी
होता है एक श्रमसाध्य कार्य

महुए की दारू
पिए मनोहरा
करता खूब उधारी
काॅलरी कर्मचारी को
मिल भी जाता आसानी से उधार
क्योंकि पाते हैं वे अच्छी पगार

मनोहरा की पासबुक
गिरवी है महाजन के पास
इस उसके पैरों गिरकर
करता नैया पार
आदत से लाचार!

महुए की दारू
पिए मनोहरा
पीट रहा घरवाली को
मार रहा है बच्चों को
हांफ-हांफ कर बर्राता है
गिरता औंधे मुंह
और फिर इक दिन
ऐसा गिरा कि उठ न पाया
महुए की दारू का
मनोहरा बना शिकार
इस तरह से
बाल-बच्चों पर
खत्म हुआ उसका अत्याचार…
***
 
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