जो दरे-हुस्न के फ़क़ीर हुए दौलते-इश्क़ से अमीर हुए सारे आलम में हो गए मशहूर जो मुहब्बत के गोशःगीर हुए आह इन ताइरों की ख़ुश फ़हमी हो के आज़ाद जो आसीर हुए ****