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Ehteram Islam
 
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* दुनिया के गम फिजूल की फिकरों से बच  *
दुनिया के गम फिजूल की फिकरों से बच गए 
अच्छा हुआ की तुम मेरे शेरोन से बच गए
 
कर्फ्यू-जदा इलाके में तुम लोग भी तो थे 
तुम लोग कैसे भेड़ियों, कुत्तों से बच गए 

हरगिज़ बयां न दीजिए बाहर अमाँ न थी 
कहिये की घर में कैद थे खर्चे से बच गए 

इक चूक सारे मुहरों को अभिशिप्त कर गई 
फर्जी से आ पिटे जो पियादों से बच गए 

सिक्कों की ओट ले के सरलता से 'एहतराम'
कातिल सभी पुलीस की नज़रों से बच गए 
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