donateplease
newsletter
newsletter
rishta online logo
rosemine
Bazme Adab
Google   Site  
Bookmark and Share 
design_poetry
Share on Facebook
 
Farhat Shehzad
 
Share to Aalmi Urdu Ghar
* तनहा तनहा मत सोचा कर *
ग़ज़ल 

फरहत शेहजाद

तनहा तनहा मत सोचा कर  
मर जाएगा मत सोचा कर

अपना आप गँवा कर तू ने   
पाया है क्या मत सोचा कर

धूप में तनहा कर जाता है   
क्यूँ यह साया मत सोचा कर

प्यार घड़ी भर क भी बहुत है   
सच्चा झूठा मत सोचा कर

राह कठिन और धूप कड़ी है    
कौन आयेगा मत सोचा कर

वो भी तुझसे प्यार करे है   
फिर दुःख होगा मत सोचा कर

ख्वाब हकीकत या अफसाना   
क्या है दुनिया मत सोचा कर

मूँद ले ऑंखें और चला चल   
मंजिल रस्ता मत सोचा कर

जिसकी फितरत ही दसना हो   
वो तो डसेगा मत सोचा कर

दुनिया के ग़म साथ हैं तेरे   
ख़ुद को तनहा मत सोचा कर

जीना दूभर हो जाएगा    
जाना इतना मत सोचा कर

मान मेरे शेहजाद वगरना   
पछतायेगा मत सोचा कर
*****

 
Comments


Login

You are Visitor Number : 445