* आँखों में नींद है छाई हुई *
आँखों में नींद है छाई हुई
याद तेरी दिल में समाई हुई।
ऐसे में कैसे नींद आए सनम
नींद जो है तूने चुराई हुई।
बरसों से मैं तो न सो सकी
नींद मेरी तेरी उड़ाई हुई।
तुझ से मैं कैसे शिकायत करूँ
तुझ से न कोई बेवफाई हुई।
तेरी दुनियाँ में मेरा वजूद नहीं
मुझसे न तुझको आशनाई हुई।
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