* तू जो चाहे.............तो मेरी जाँ ले ले *
ग़ज़ल
तू जो चाहे.............तो मेरी जाँ ले ले
पर मेरे इश्क़ का.............बयाँ ले ले
हुस्न का फ़र्ज़ कुछ............अदा कर दे
मुझ को ख़ुआबों........के दर्मियाँ ले ले
देख चलकर............वफ़ा की राहों में
मेरे क़दमों का..........इक निशाँ ले ले
इश्क़ में हार.................मान लूँ कैसे
तू सितमगर है............इम्तेहाँ ले ले
कोई जो छीन ले........ग़म ए दिल को
गोया सब.........दोलत ए जहाँ ले ले
सूखे पत्तों से...........ख़ुआब हैं दिल में
तू सबा बन के...........ये ख़िज़ाँ ले ले
दर्द माज़ी की............तल्ख़ यादों का
ऐ ख़ुदा है .............बड़ा गिराँ ले ले
दिल की मासूमियत.........नहीं अच्छी
कौन जाने कोई...............कहाँ ले ले
नुसरत ए इश्क़ गर.......गिराँ है हया॔त
तर्ज़ मुझ से...............सर ए फ़ुग़ाँ ले
जावेद हया॔त
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