वो जो आए हयात याद आई भूली बिसरी सी बात याद आई कि हाल-ए-दिल उनसे कहके जब लौटे उनसे कहने की बात याद आई आपने दिन बना दिया था जिसे ज़िन्दगी भर वो रात याद आई तेरे दर से उठे ही थे कि हमें तंगी-ए-कायनात याद आई ****