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Kumaar Paashii
 
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* रात--प्यारी रात-नाच *
रात--प्यारी रात-नाच 
चल रही है आज यादों की पवन--ऐ रात नाच 
आसमानों की बहन--ऐ रात नाच 

ऐ मेरी देरीना महबूबा, मेरी दिलदार नाच 
वहशियों के हाथ की तलवार नाच 
इस ज़मीन की सरहदों के पार--नाच 

पर्बतों पर नाच, दरयाओं पे नाच 
गुलशनों पर नाच, सहराओं पे नाच 
दूर के फूलों भरे मधुबन में नाच 
रात! मेरे घर मेरे आंगन में नाच 

रात--प्यारी रात--आ 
चांद तारों की दुलारी रात-आ 
दो घड़ी अब दर्द की महफ़िल में नाच 
रात! मेरे दिल में नाच

 
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