* दिलों के ज़हर को शाइस्तगी ने काट द *
दिलों के ज़हर को शाइस्तगी ने काट दिया|
अँधेरा था तो घना – चाँदनी ने काट दिया|१|
बड़ा तवील सफ़र था हयात का लेकिन|
ये रास्ता मेरी आवारगी ने काट दिया|२|
हमें हमारे उसूलों से चोट पहुँची है|
हमारा हाथ हमारी छुरी ने काट दिया|३|
तुम अगले जन्म में मिलने की बात करते हो|
ये रास्ता जो मेरी ख़ुदकुशी ने काट दिया|४|
खमोशियों से तअल्लुक़ की डोर टूट गयी|
पुराना रिश्ता तेरी बेरुख़ी ने काट दिया|५|
ज़िगर के टुकड़े मेरे आँसुओं में आने लगे|
बहाव तेज़ था, पुश्ता नदी ने काट दिया|६| |