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* उसने खुशबू की ज़ुबानी लिख दी, *
उसने खुशबू की ज़ुबानी लिख दी,
फूल ने प्रेम कहानी लिख दी।
मेरी आँखों, मेरी पलकों पे कहीं,
उसने दरिया की रवानी लिख दी।
सिरफिरा है कि उसने उर्दू में,
जाने क्यों राम कहानी लिख दी।
अबकि चारागरों को चिट्ठी में,
हो गई पीर सयानी लिख दी।
मुझसे पूछा गया नया क्या है,
मैंने तहरीर पुरानी लिख दी।
अब कोई दिल का द्वार खुलता नहीं,
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