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Shri Nitish Kumar
Hon'ble Chief Minister of Bihar
 
E-Mail: cmbihar-bih@nic.in
Tel: 0612-2223886 (O)
0612-2224784 (O)
0612-2222079 (R)
 
Posted on: 10-11-2011  
 
मांगते हैं आम, कहता इमली खाओ
 

 लौरिया/योगापट्टी : हम, अपराध का विश्र्वविद्यालय को रौंद साकार हुए इलाके के सुनहरे अरमान (लौरिया चीनी मिल) को यहां के बाशिंदों के साथ निहार रहे थे। यह बुधवार से शुरू हुई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेवा यात्रा का खास पड़ाव था। यहां के खुशनुमा माहौल ने हमें समझा दिया कि रतवल पुल से लौरिया, योगापट्टी .., फिर चमुखा, डिही ढवेलवा, गजना, बैसिया .., आखिर नीतीश कुमार के चौतरफा जयकारे की वजह क्या है? सबकुछ बिल्कुल साफ भी था। योगापट्टी को अंग्रेजों ने यूनिवर्सिटी आफ क्राइम कहा था, जिसने विगत पांच-छह साल में नया कलेवर अख्तियार कर लिया है। और आज तो खुद मुख्यमंत्री ने योगापट्टी थाने के मालखाने में घुसकर   जब्त और लगभग सड़ चुके हथियारों की तस्वीर उतारने का आग्रह किया। बेशक, उनके चेहरे पर गर्वीला भाव यूं ही नहीं था। यह अपराध पर कानून-व्यवस्था और शांति का गर्व था। और इस बात की मुनादी भी कि अगर जनता के हिसाब से या उसकी अपेक्षा के अनुरूप सबकुछ नहीं बदला, तो नीतीश कुमार की यात्राएं आगे भी जारी रहेंगी। आखिरकार उनका हेलीकाप्टर आज रतवल पुल के पास उतर ही गया। यह कहां उतरेगा-इस सवाल से सभी हलकान थे। उन्होंने पुल के निर्माण की गति पर असंतोष जाहिर किया तथा इसे समयसीमा में पूरा करने की हिदायत अफसरों को दी। फिर वे बरवा शेख टोला आये। गंडक प्रोजेक्ट को देखा। असंतुष्ट। अफसरों का मानों पानी उतरा हुआ था। इसी बीच उन्होंने गांवों में बिजली के मुद्दे पर केन्द्र को कोसते हुए कहा- हम मांग रहे हैं आम, वे लोग (दिल्ली वाले) कहते हैं इमली खाओ। तीसरे पड़ाव (लौरिया चीनी मिल) पर केंद्र सरकार निशाने पर आ गयी। स्वाभाविक बात थी। किसानों के प्रतिनिधिमंडल में से एक किसान विजय कुमार पांडेय उर्फ आलू पांडेय ने मुख्यमंत्री को बिजली के मामले में गांवों के बुरे हालात से वाकिफ कराया। उनका कहना था कि 16 केवीए का ट्रांसफार्मर लग रहा है, जो तुरंत जल जाता है। मुख्यमंत्री शुरू हो गये। बोले-हम तो इस बारे में केंद्र में बैठे तमाम संबंधित लोगों को बोलकर थक गये। क्या करें? .. गजब स्थिति है। ऐसे कैसे चलेगा? हमारे प्रश्न का कभी उत्तर नहीं आता है। बिजली के मामले में सिर्फ यही कहा जाता है कि इतने प्रखंडों में जमीन अधिग्रहण न होने के चलते पावर सबस्टेशन नहीं बन पा रहा है। .. मैं मीडिया के बंधुओं से हाथ जोड़कर यही प्रार्थना करता हूं कि वे ट्रांसफार्मर के इस मसले को बार-बार री-प्ले करें, ताकि केंद्र में बैठे लोगों की समझ बदले। .. राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की डिजाइन दोषपूर्ण है। इसे बदलना ही होगा। मैं तो इसे (16 केवीए) टूल्लू ट्रांसफार्मर कहता हूं। उन्होंने किसानों को बताया कि बिहार, इंद्रधनुषी क्रांति का अगुवा बना है। पहले कुछ हुआ नहीं, बीच का सब बर्बाद हो गया। अब सबकुछ नये सिरे से करना पड़ रहा है। किसानों से धान व चावल की खरीद में पैसे की कमी कभी आड़े नहीं आयेगी। खाद के मामले में हमारे साथ अन्याय हुआ है। हमारा एक महीना का कोटा महाराष्ट्र को दे दिया। नेसार अहमद ने उन्हें पेटीशन दिया था। उन्होंने पहले अपने सचिव सिद्धार्थ को मंच पर ही बुलाया, फिर नेसार अहमद को बुलाया। उन्होंने लौरिया चीनी मिल को रिकार्ड समय में पूरा करने के लिए एचपीसीएल प्रबंधन तथा राघो शरण पांडेय के प्रति आभार व्यक्त किया। फिर उनका काफिला योगापट्टी प्रखंड सह अंचल कार्यालय धमका। मुख्यमंत्री सीधे उस काउंटर पर पहुंचे, जहां लोकसेवा अधिकार कानून आकार पाता है। तरह-तरह की कैफियत। तरह-तरह की बातें। कई की हालत खराब। इसके बाद उन्होंने मो.रजा हुसैन व श्रीप्रकाश से प्रखंड-अनुमंडल के विकास योजनाओं की जानकारी ली। कार्यालय के कैंपस में उन्होंने कम्प्यूटर कक्ष देखा। बगल के स्कूल में गये। चौथी कक्षा की प्रियंवदा ने ने अपनी सुरीली आवाज में उन्हें गीत सुनाया।दोबारा वही भ्रम-अब कहां जायेंगे? अंतत: काफिला योगापट्टी थाने में था। उन्होंने एक पुलिस अफसर की तरह कुछ ही देर में इस थाने से जुड़ा लगभग सबकुछ जान सा लिया था। सामने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र था। लगा यहां निरीक्षण करेंगे। सबकुछ सेट। मगर काफिला उस इलाके को निकल गया, जो इक्कीसवीं सदी में भी दुर्दशा का पर्याय है। वजह-बाढ़, कटाव। कई अफसर बहुत परेशान थे। चमुखा, डिही ढवेलवा, डिही जरलपुर, गजना, बैसिया .., एक बड़ी आबादी को मुख्यमंत्री ने बड़ा भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री का काफिला यहां कच्चे रास्ते से गुजरा। इंजीनियर तलब हुए। उन्होंने यहां बन रहे पुल को भी देखा। शायद यह पहला मौका था कि जब इस इलाके में सत्ता शीर्ष पहुंचा था। सरकार को अपने बीच देख लोग खूब खुश थे। मुख्यमंत्री के काफिले में जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री गिरिराज सिंह, मुख्य सचिव नवीन कुमार, डीजीपी अभयानंद, मुख्यमंत्री के सचिवगण (चंचल कुमार, अतीश चंद्रा, सिद्धार्थ), मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह आदि थे। मांगते हैं आम, कहता इमली खाओ

 
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