काम कोई मुझे बाकी नहीं मरने के सिवा कुछ भी करना नहीं अब कुछ भी न करने के सिवा हसरतों का भी मेरी तुम कभी करते हो ख़याल तुमको कुछ और भी आता है सँवरने के सिवा