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Akbar Allahabadi
 
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* किस-किस अदा से तूने जलवा दिखा के मा *

किस-किस अदा से तूने जलवा दिखा के मारा
आज़ाद हो चुके थे, बन्दा बना के मारा

अव्वल बना के पुतला, पुतले में जान डाली
फिर उसको ख़ुद क़ज़ा की सूरत में आके मारा

आँखों में तेरी ज़ालिम छुरियाँ छुपी हुई हैं
देखा जिधर को तूने पलकें उठाके मारा

ग़ुंचों में आके महका, बुलबुल में जाके चहका
इसको हँसा के मारा, उसको रुला के मारा

सोसन की तरह 'अकबर', ख़ामोश हैं यहाँ पर
नरगिस में इसने छिप कर आँखें लड़ा के मारा


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