फ़ित्ना-सामानियों की ख़ू न करे। मुख़्तसर यह कि आरज़ू न करे॥ पहले हस्ती की है तलाश ज़रूर। फिर जो गुम हो तो जुस्तजू न करे॥ मावराये-सुख़न भी है कुछ बात। बात यह है कि गुफ़्तगू न करे॥ ****