* ज़ाहिलों से अक़्ल क्या हमको कभी मì *
ज़ाहिलों से अक़्ल क्या हमको कभी मिल जाएगी
इन अँधेरों से भला क्या रोशनी मिल जाएगी
झूट लालच ही खुसूसन देखिए किरदार में
ये कमी मिल जाएगी तो हर कमी मिल जाएगी
दोस्तों का ढूँढना क्या दोस्त बन जाया करो
कम से कम उस शख्स को तो दोस्ती मिल जाएगी
येह तो मुमकिन है उनके घर में हो दौलत भरी
लालची के दिल में फिर भी मुफ़लिसी मिल जाएगी
हूर सी मुफ़लिस हसीना को न शौहर मिल सका
उसको लेकिन हर किसी से आशिक़ी मिल जाएगी
दूसरों से माँगने से तो खुशी मिलती नही
दूसरो को दे खुशी तो हर खुशी मिल जाएगी
झूठे लोगो को दिखावे की ज़रूरत है मगर
सच्चे लोगों में हमेशा सादगी मिल जाएगी
हो के अनपढ़ भी तुझे है आगे बढ़ने की ललक
क्या पढ़े लिक्खों पे आसिफ़ बरतरी मिल जाएगी
डा. आसिफ़ हुसैन |