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Jawaid Hayat
 
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* मेरी हसरत भी तमन्ना भी मेरा प्यार  *
एक ख़ूबसूरत गीत

मेरी हसरत भी तमन्ना भी मेरा प्यार भी तुम
दर्दे दिल की भी दवा तुम मेरी ग़मख़ुआर भी तुम
दिल का अरमाँ भी सनम तू ही मेरी जाँ भी सनम
ज़िन्दगी तेरे बिना है मेरी वीराँ भी सनम
मैं वह इन्सान जिसे तूने नई ज़िन्दगी दी है
मैं वह बुझता दिया कि जिसको नई रोशनी दी है
तुम ही इक बार ज़ुबाँ पर मेरी सौ बार भी तुम
दर्दे दिल की भी दवा तुम मेरी ग़मख़ुआर भी तुम
धड़कनों में मेरे दिल की है बस तेरी ही मुहब्बत
मेरा हर ख़ून का क़तरा भी है तेरी ही अमानत
तेरी चाहत मुझे काफ़ी है मेरे जीने के लिए
मेरी साँसों का भी चलना है सनम तेरी इनायत
मेरे जीने का सहारा मेरी दिलदार भी तुम
दर्दे दिल की भी दवा तुम मेरी ग़मख़ुआर भी तुम
फूल खिलते हैं जहाँ भर को सजाने के लिए
ख़ुशबुऐं होती हैं साँसों को लुभाने के लिए
सब ने घर अपना फूलों से सजा रक्खा है
इस लिए हम ने तुझे दिल में बसा रक्खा है
ख़ुशबू हो घर की मेरे तुम गुलो गुलज़ार भी तुम
दर्दे दिल की भी दवा तुम मेरी ग़मख़ुआर भी तुम
मेरी हमराज़ मेरे दिल अपनी राहें न बदल
तू मेरी राह नुमा है तू मेरे साथ ही चल
करके इक़रार मुहब्बत का चिराग़ाँ करदे
बन के दुलहन तू मेरे घर को फ़रोज़ाँ करदे
तुमसे ही घर हो मेरा घर का हो आसार भी तुम
दर्दे दिल की भी दवा तुम मेरी ग़मख़ुआर भी तुम
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