* बांहो में समुन्दर के दरिया का सिमé *
बांहो में समुन्दर के दरिया का सिमट जाना
और देख के ये मंज़र तेरा वो क़रीब आना .
ले ले के तेरा नाम अब कसते हंै सभी ताना
तुझ बिन मेरे जीवन का सूना है सनम खाना1 .
घायल है हर इक ऩग्मा तुम रूठ गये जब से
तुम से है मेरी ख़ुशियां क्यों तुमने नहीं जाना .
इमरोज़ के मंज़र पर सद नक़्श हैं माज़ी के
माज़ी से है कैफ़ आगी इमरोज़ का मयख़ाना2 .
मां बाप की खुशियां थीं राहों में 'कंवल अपनी
वरना हमें आता था संसार से टकराना .
1 मंदिर 2. मदिरालय ।
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