* नया दिन लेके आई है सुब्हा *
दुआ...
नया दिन लेके आई है सुब्हा
उठो मुंह-हाथ धो ले लो दुआ
तू भर ले झोलियों में बरक़तें
जो सोए उनके भी कंधे हिला
तू ऊँचा है या मेरा हौसला
सुनो पंछी ने नभ से क्या कहा
अभी पहुंचा कि पहुंचा सूर्य-रथ
तभी आसन बिछा बठी उषा
उतर आएगा शबनम की तरह
उसे ईसा पुकारो या ख़ुदा
-सतीश बेदाग़
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