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Taasir Siddiqui
 
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* हर पल हर घडी तेरे ध्यान में रहते है *
हर पल हर घडी तेरे ध्यान में रहते हैं
हम तो तेरी यादों के जहान में रहते है 

गुज़र होगा तेरे भी कभी तो इस गली से 
यह सोचकर अब भी इस मकान में रहते हैं 

तुने किताबे ज़िन्दगी को अपनी देखा नहीं 
वरना हम भी तो तेरी दासतान में रहते हैं 

ये दुनिया एक हॉल है और ज़िन्दगी एक परचा   
शबो रोज़ सब यहाँ इम्तिहान में रहते हैं
 
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