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Tufail Chaturvedi
 
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* मेरे पैरों में चुभ जाएंगे लेकिन| *
धीरे धीरे अश्क़ तो कम हो जाएंगे|
लेकिन दिल पर ज़ख्म रक़म हो जाएंगे|१|

दीवाने की पलकें खुलने मत देना|
सहरा तेरे बंजर नम हो जाएंगे|२|

मेरे पैरों में चुभ जाएंगे लेकिन|
इस रस्ते से काँटे कम हो जाएंगे|३|

उसकी याद का झोंका आने वाला है|
ये जलते लम्हे शबनम हो जाएंगे|४|

हम थक कर बैठेंगे उस की चौखट पर|
सारे राही तेज़ क़दम हो जाएंगे|५|

सूखती जाती है तेरी यादों की झील|
पंछी ग़ज़ल के आने कम हो जाएंगे|६|

दुनियादारी ताक़ पे रखने का जी है|
घर में रह कर हम गौतम हो जाएंगे|७|
 
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