पाँव उठ सकते नहीं मंज़िले -जानाँ के ख़िलाफ़ और अगर होश की पूछो तो मुझे होश नहीं हुस्न से इश्क़ जुदा है न जुदा इश्क़ से हुस्न कौन-सी शै है जो आग़ोश-दर-आग़ोश नहीं ****