* जिंदगी से मैं ने कहा *
जिंदगी से मैं ने कहा
तुम मुझे
हर मौसम में.
हसीं लगती हो
खुली आँखों से जब जब तुम्हें देखा
तुम ने मुझे एक ही पाठ पढाया
तुम उसी के हो
जिस की मैं
जिसे समझ बैठे हो
आलिंगन का इक ख़ूबसूरत और नर्म एहसास
वह मैं नहीं
वह तो "वह " है .... सिर्फ " वह "
चाहते हो दुलार गर उसका
उसी के हो जाओ ......
उसी के हो जाओ .....
(खुर्शीद हयात :०९:३० -११.०४.१२ ) |