* मुस्कराउंगा, गुनगुनाउंगा *
मुस्कराउंगा, गुनगुनाउंगा
मैं तेरा हौसला बढ़ाउंगा
रूठने की अदा निराली है
जब तू रूठेगा, मैं मनाउंगा
कुरबतों के चिराग़ गुल करके
फ़ासलों के दिये जलाउंगा
जुगनुओं - सा लिबास पहनूंगा
तेरी आंखों में झिलमिलाउंगा
मेहरबां होगा जब वो जाने-'कंवल
उसकी गुस्ताखियां गिनाउंगा
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