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* नाम हूँ मैं मेरा पता तुम हो *
नाम हूँ मैं मेरा पता तुम हो
मेरे जीने का मुíआ तुम हो
मेरी सांसों का सिलसिला तुम हो
मेरी पूजा हो, देवता तुम हो
पतितयों पर लिखी इबारत मैं
फूल के होंट का लिखा तुम हो
अनसुनी अनकही कहानी मैं
जग में मशहूर फ़लस़फा तुम हो
तुम से शौकत, तुम्ही से है शोहरत
मैं ग़ज़ल हूँ, मुशायरा तुम हो
सुर्ख टावल में भीगा-गीला बदन
कितना दिलकश मुजस्समा तुम हो
फूल हूँ मैं, है मुझमें आकर्षण
तितलियों सी लुभावना तुम हो
मैं सफ़र तुम हो मील का पत्थर
चल रहा मैं हूँ, रास्ता तुम हो
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