* जल गये याद के बामो-दर धूप में *
जल गये याद के बामो-दर धूप में
पर सलामत है दिल का खंडर धूप में
हो न जाये कहीं बे असर धूप में
यूं परेशां है रंगे-सहर धूप में .
बेख़बर था समुंदर मगर मछलियां
ऐश करती रहीं रेत पर धूप में .
फूस की खोलियों में है दहशत बपा
ढूढंता है अमां1 इक शरर2 धूप में .
सुबह से एक साया भटकता रहा
इक दरीचा रहा मुंतज़र3 धूप मं
मेरे अहसास4 की तितलियां खो गर्इं
रफ़्ता रफ़्ता 'कंवल' मोतबर5 धूप में।
1.सुरक्षा-शांति-शरण, 2. चिंगारी 3. प्रतीक्षारत-आशानिवत 4. चेतना 5. विश्वस्त ।
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