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Ramesh Kanwal
 
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* काविर्शो1 का काफि़ला2 उनकी नवाजि़ *
काविर्शो1  का   काफि़ला2  उनकी   नवाजि़श3 पर रूका     
काले सायों का सफ़र जिस्मों की ताबिश4 पर रूका                                                                                     
	


मछलियों    की   टोलियों  पर  नाचती   थी   चांदनी
रक्से-दिलकश5  ये  किसी   पत्थर की नालिश  पर रूका         . 
                                                


वस्ल   क़ी   रानार्इयों6  में  बामो-दर7  गुम   हो  गये                            
तलिख़यों8 का कारवां दारे-नवाजि़श9 पर रूका                   .                                                



फे़ल  थी  बिजली  तिलस्मे-खौफ़10  था  हर  मोड़  पर                
चक्र वहशत का अगरचे कोहे-काविश11 पर रूका                     .                                                                


यूं तो उसकी भी तमन्ना थी मुझे मिल जाय पर                         
यार मेरा घर में कल घनघोर बारिश पर रूका                                    .                                                      


सांझ की दुल्हन ने पीला कर दिया सूरज का मुंह          
घूप का लंबा सफ़र दुल्हन की साजि़श पर रूका                .                                               


बेशिकन था रात भर बिस्तर तसव्वुर12 का कंवल        
ज़हन का गीला बदन फूलों की रामिश13 पर रूका                       .
                                                       


1. प्रयास, परिश्रम 2. मुसाफिरों की टोली 3. मेहरबानी 4. ताप, आंच 
5. मनोरम नृत्य 6. मिलन-सौन्दर्य 7. द्वार और छत 8. कड़वाहट 9. मेहरबानी की सूली 
10. भय का इन्द्रजाल 11. परिश्रम का पहाड़, अथक प्रयत्न 12. कल्पना 13. खुषी।
 
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