* टूटे हुये तारे का मुक़íर हूं सद1 अफ़ *
टूटे हुये तारे का मुक़íर हूं सद1 अफ़्सोस2
पतझड़ के किसी पेड़ का मंज़र हूं सद अफ़्सोस
तिनके का सहारा भी न था चाह के फिर भी
मैं डूब न पाया कि शनावर3 हूं सद अफ़्सोस
मुमकिन नहीं छूना मैं संवारूं इन्हें कैसे
आर्इनों के इक ढ़ेर पे आज़र4 हंू सद अफ़्सोस
काम आके मेरे हो गये बेकार सभी गुल
मैं जैसे किसी देवी का मंदिर हूं सद अफ़्सोस
पैमाने में भी झील सी आंखें उभर आर्इं
सच है कि तमन्नाओं का महशर5 हूं सद अफ़्सोस
तुम प्रीत की राहों में रहे शबनमी चादर
मै आज भी इक मील का पत्थर हूं सद अफ्सोस
गंगा नहीं आती है 'कंवल मिलने को मुझसे
तन्हार्इ का बेचैन समुंदर हूँ सद अफ़्सोस
1. सौ 2. पष्चाताप 3. तैराक 4. एक मूर्ति तराष का नाम 5. प्रलय स्थल
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