* पहूंच इक मुश्ते-खाकी1 की सितारों क *
पहूंच इक मुश्ते-खाकी1 की सितारों के जहां तक है
जुनूने-शौक़2 की शोहरत3 ज़मीं से आस्मां तक है
बना डाला मुहब्बत ने उन्हें रश्के-महो-अख़्तर
जहां हैरां है, इक ज़र्रे4 का शोहरा5 कहकशां6 तक है
भटकती फिर रही है बाग में बेआबरू होकर
फ़साना7 बर्क़8 का शायद मेरे ही आशियां9 तक है
फि़राक़े-यार में रह रह के यूं दिल पे गुजरता है
मज़ा जीने का दुनिया में बहारे-दोस्तां10 तक है
फ़क़त उड़ती हुर्इ ख़्ाुशबू थी वस्ले- यार की खुशियां
मगर इक शख़्स के ग़म की रिसार्इ जिस्मों-जां तक है
कोर्इ गुज़रा है यूं ख़्ाुशबू लुटाता सहने-गुलशन11 से
कि खोया सा तसव्वुर12 में कंवल दौरे-खि़ाज़ां तक है
1. मुटठी भर जमीन 2. पे्रमोन्माद 3. ख्याति, प्रसिद्धि 4. कण 5. ख्याति यश
6. आकाश गंगा 7. कथा-कहानी 8. बिजली 9. घर, घोसला
10. प्रिय के संग की खुषी 11. उपवन के निकट से 12. कल्पना
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