* वो रूख़्ो-शादाब है और कुछ नहीं *
वो रूख़्ो-शादाब है और कुछ नहीं
ये दिले-बेताब है और कुछ नहीं
गौहरे-नायाब1 है और कुछ नहीं
जि़ंदगी इक ख़्वाब है और कुछ नहीं
हर वरक़2 में क़ैद हैं रानाइयां3
मुज्तरिब4 इक बाब5 है और कुछ नहीं
मछलियों पर खिलखिलाती चांदनी
हमनवां6 तालाब है और कुछ नहीं
जिस्म की हर शाख पर अठखेलियां
जुर्रते-महताब7 है और कुछ नहीं
महफि़ले-रूखसारो-लब8 में दिलरूबा
बस मेरा आदाब है और कुछ नहीं
शबनमी चादर लपेटे मौज में
इक गुले-शादाब9 है और कुछ नहंीं
तेरे मिलने का हसीं, मंजर 'कंवल
सुबह का इक ख्वाब है और कुछ नहीं
1. दुर्लभ मोती 2. पन्ना-पृष्ट 3. सुन्दरता 4. बेचैन, व्याकुल 5. अèयाय
6. सहमत 7. चन्द्रमा की धृष्टता 8. गालों और होंटों की सभा 9. प्रफुलिलत पुष्प।
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