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Ramesh Kanwal
 
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* जब तेरी बंदगी नहीं होती *
जब तेरी बंदगी नहीं होती                      
जि़ंदगी जिं़दगी नहीं होती                     .                                                       

मौत की जुस्तजू1 है क्यों तुझको                     
मौत में दिलकशी2 नहीं होती                           .                                                      

बात क्या है कि आजकल मुझको                            
तुझसे मिलकर खु़शी नहीं होती                       .                                                                     

हाय बेचारगी - ओ - मजबूरी                            
जो करूं बंदगी, नहीं होती                      .                                           

कितना दुश्वार है ये फ़न यारो                       
शायरी दिल्लगी नहीं होती                                       .                                           

अब 'कंवल को न छेडि़येगा कभी                            
उसके लब पर हंसी नहीं होती       	                                    


1.	अन्वेषण 2. आर्कषण ।
 
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