* हुस्न है दिलकश तबाही इश्क़ को मंजí *
हुस्न है दिलकश तबाही इश्क़ को मंजूर है
फिर भी जाने क्यों मुहब्बत आज तक मजबूर है .
ये रूदादे-हुस्ने-माहो-अंजुमे-अफ्लाक1 उफ
क्या ज़मीं पे कुछ नहीं क्या अर्श2 से ही नूर है .
मुफि़लसों3 की रोटियां, अम्नो-अमां4 जीने का हक़
छीनने वालों से मुझको दुश्मनी मंजूर है .
ये हयाते-मुख़्तसर5 लंबी ये फ़न6 की सरहदें
चल रहा हूं फिर भी गो7 मंजि़ल बहुत ही दूर है .
दीद की हसरत है पर वो सामने आते नहीं
एक मुíत से 'कंवल दीदार से महजूर8 है ...
1. आकाश के चांद सितारों के सौंदर्य की कहानी 2. आसमान 3. निर्धन
4. शांति-सुरक्षा 5. संक्षिप्त जीवन 6. कला 7. यधपि 8. वियोगी ।
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