कोई तो पीके निकलेगा, उडे़गी कुछ तो बू मुँह से। दरे-पीरेमुग़ाँ पर मैपरस्ती चलके बिस्तर हो॥ किसी के दरपै ‘आसी’ रात रो-रोके यह कहता था-- कि "आखि़र मैं तुम्हारा बन्दा हूँ, तुम बन्दापरवर हो"॥ ****