नहीं होता कि बढ़कर हाथ रख दें। तड़पता देखते हैं, दिल हमारा॥ अगर क़ाबू न था दिल पर, बुरा था। वहाँ जाना सरे-महफ़िल हमारा॥ यह हालत है तो शायद रहम आ जाय। कोई उसको दिखा दे दिल हमारा॥ ****